बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि

1. शुद्ध और असली रुद्राक्ष का चयन करें:

  • बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह असली और शुद्ध हो।
  • इसे प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें।

2. रुद्राक्ष का शुद्धिकरण करें:

  • रुद्राक्ष को गंगाजल और गाय के दूध में डुबोकर रातभर रखें।
  • सुबह इसे साफ पानी से धोकर सूती कपड़े से पोंछकर सुखा लें।

3. पूजन विधि:

  • बारह मुखी रुद्राक्ष को शुक्रवार या किसी शुभ दिन धारण करना उत्तम माना जाता है।
  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • रुद्राक्ष को भगवान विष्णु या भगवान सूर्य के सामने रखें।
  • रुद्राक्ष पर गंगाजल, शहद और चंदन चढ़ाएं।
  • दीपक और धूप जलाकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

जाप करने के मंत्र:

  • "ॐ सूर्याय नमः" (बारह मुखी रुद्राक्ष के लिए विशेष मंत्र)
  • "ॐ नमः शिवाय" (108 बार जाप करें)

4. रुद्राक्ष को धारण करें:

  • रुद्राक्ष को लाल, पीले या सफेद धागे में पिरोकर गले में पहनें।
  • इसे दाहिने हाथ में भी धारण किया जा सकता है।

5. ध्यान रखने योग्य बातें:

  • रुद्राक्ष को धारण करने के बाद मांसाहार, नशा और अनैतिक कार्यों से बचें।
  • इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनें।
  • प्रतिदिन "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ सूर्याय नमः" का जाप करें।
  • समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध करें।

बारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ:

  • यह रुद्राक्ष भगवान सूर्य और भगवान विष्णु का प्रतीक है और यह स्वास्थ्य, समृद्धि और सम्मान में वृद्धि करता है।
  • यह व्यक्ति को आत्मविश्वास, मानसिक शक्ति और कार्य में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • बारह मुखी रुद्राक्ष से धन, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।
  • यह किसी भी प्रकार की रुकावटों को दूर करने में सहायक होता है और जीवन में उन्नति की दिशा में मदद करता है।

बारह मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करें, यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति लाने में सहायक होगा।

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