दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
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1. शुद्ध और असली रुद्राक्ष का चयन करें:
- दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह शुद्ध और असली हो।
- इसे केवल प्रमाणित और विश्वसनीय विक्रेता से ही खरीदें।
2. रुद्राक्ष का शुद्धिकरण करें:
- रुद्राक्ष को गंगाजल और गाय के दूध में डुबोकर रातभर रखें।
- सुबह इसे साफ पानी से धोकर एक सूती कपड़े से पोंछकर सुखा लें।
3. पूजन विधि:
- दस मुखी रुद्राक्ष को बुधवार या किसी शुभ दिन धारण करना उत्तम माना जाता है।
- सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- रुद्राक्ष को भगवान विष्णु और भगवान राम के सामने रखें।
- रुद्राक्ष पर गंगाजल, शहद और चंदन चढ़ाएं।
- दीपक और धूप जलाकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।
जाप करने के मंत्र:
- "ॐ राम राम रामेण" (दस मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र)
- "ॐ नमः शिवाय" (108 बार जाप करें)
4. रुद्राक्ष को धारण करें:
- रुद्राक्ष को लाल, पीले या सफेद धागे में पिरोकर गले में पहनें।
- इसे दाहिने हाथ में भी पहना जा सकता है।
5. ध्यान रखने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को धारण करने के बाद पवित्रता बनाए रखें।
- मांसाहार, नशा और अनैतिक कार्यों से बचें।
- प्रतिदिन "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ राम राम रामेण" का जाप करें।
- रुद्राक्ष को समय-समय पर गंगाजल से शुद्ध करें।
दस मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- यह रुद्राक्ष भगवान राम और भगवान विष्णु का प्रतीक है और यह जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाता है।
- यह व्यक्ति को मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और बुरे प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह व्यक्ति को सभी प्रकार की मानसिक और भौतिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
- दस मुखी रुद्राक्ष की धारण से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
दस मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करें। यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक बदलाव लाएगा।