तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
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1. शुद्ध और असली रुद्राक्ष का चयन करें:
- तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह असली और शुद्ध हो।
- इसे प्रमाणित और विश्वसनीय विक्रेता से ही खरीदें।
2. रुद्राक्ष का शुद्धिकरण करें:
- रुद्राक्ष को गंगाजल और गाय के दूध में डुबोकर रातभर रखें।
- अगले दिन इसे साफ पानी से धोकर एक सूती कपड़े से पोंछकर सुखा लें।
3. पूजन विधि:
- तेरह मुखी रुद्राक्ष को बुधवार या किसी शुभ दिन धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है।
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- रुद्राक्ष को भगवान शिव या भगवान इन्द्र के सामने रखें।
- रुद्राक्ष पर गंगाजल, शहद और चंदन चढ़ाएं।
- दीपक और धूप जलाकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।
जाप करने के मंत्र:
- "ॐ नमः शिवाय" (तेरह मुखी रुद्राक्ष के लिए विशेष मंत्र)
- "ॐ इन्द्राय नमः" (इन्द्र देवता के लिए विशेष मंत्र)
- "ॐ ह्लीं नमः" (108 बार जाप करें)
4. रुद्राक्ष को धारण करें:
- रुद्राक्ष को लाल, पीले या सफेद धागे में पिरोकर गले में पहनें।
- इसे दाहिने हाथ में भी धारण किया जा सकता है।
5. ध्यान रखने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को धारण करने के बाद मांसाहार, नशा और अनैतिक कार्यों से बचें।
- इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनें।
- प्रतिदिन "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ इन्द्राय नमः" का जाप करें।
- समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध करें।
तेरह मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- यह रुद्राक्ष भगवान शिव और इन्द्र देव का प्रतीक है और यह व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
- यह व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने, शारीरिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करने में सहायक है।
- तेरह मुखी रुद्राक्ष से व्यापार में सफलता और भाग्य में वृद्धि होती है।
- यह रुद्राक्ष खासतौर पर व्यापारियों और अधिकारियों के लिए शुभ माना जाता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करें, यह आपके जीवन में खुशहाली, सफलता और समृद्धि लाएगा।
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