चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
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1. शुद्ध और असली रुद्राक्ष का चयन करें:
- चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह असली और शुद्ध हो।
- इसे केवल प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें। pandit bazar.com
2. रुद्राक्ष का शुद्धिकरण करें:
- रुद्राक्ष को गंगाजल और गाय के दूध में रातभर के लिए रखें।
- अगली सुबह इसे साफ पानी से धोकर किसी स्वच्छ कपड़े से सुखा लें। pandit bazar.com
3. पूजन विधि:
- बुधवार या किसी शुभ दिन को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
- सुबह स्नान करें और स्वच्छ, हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।
- भगवान ब्रह्मा और सरस्वती माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने रुद्राक्ष को रखें।
- रुद्राक्ष पर गंगाजल, दूध, शहद और हल्दी चढ़ाएं।
- धूप-दीप जलाकर मंत्रों का जाप करें। pandit bazar.com
जाप करने के मंत्र:
- "ॐ ह्रीं नमः" (चार मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र)
- "ॐ नमः शिवाय" (108 बार जाप करें) pandit bazar.com
4. रुद्राक्ष को धारण करें:
- इसे लाल, पीले या सफेद धागे में पिरोकर पहनें।
- गले में या दाहिने हाथ में धारण करना सबसे शुभ होता है। pandit bazar.com
5. ध्यान रखने योग्य बातें:
- रुद्राक्ष को धारण करने के बाद हमेशा पवित्रता का पालन करें।
- मांसाहार, नशे और अनैतिक गतिविधियों से बचें।
- प्रतिदिन "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और अपने इष्टदेव की आराधना करें।
- रुद्राक्ष को समय-समय पर गंगाजल से साफ करें। pandit bazar.com
चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- यह भगवान ब्रह्मा का प्रतीक है और ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता को बढ़ाता है।
- विद्यार्थियों और शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए यह विशेष लाभकारी है।
- यह स्मरण शक्ति और विचार शक्ति को बढ़ाता है।
- मानसिक शांति और सकारात्मकता का संचार करता है। pandit bazar.com
चार मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण करें। यह आपको मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और जीवन में सकारात्मकता प्रदान करेगा। pandit bazar.com